Monday, 2 May 2011

zikra tumhara.............

एक बार  तेरे दीदार का नज़ारा कर लूँ ,
जी में आता है तुझे प्यार दुबारा कर लूँ .
तेरी तमन्ना है, तेरी ख्वाइश है ,तेरी है आरज़ू ,
तुझे न पा सकूँ ,ये बात कैसे गंवारा कर लूँ,
सब तो जीते हैं दिल के सहारे दुनिया में ,
अपने दिल के बिना कैसे मैं गुजारा कर लूँ,
आज उठी है बात महफ़िल में मोहब्बत की ,
दिल ने तुम्हे याद किया ......


थोडा ज़िक्र तुम्हारा कर लूँ..

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